रंगभूमि--मुंशी प्रेमचंद

186 Part

190 times read

1 Liked

... सूरदास-महाराज, मैं खुशी से जमीन न बेचूँगा। नायकराम-सूरे, कुछ भंग तो नहीं खा गए? कुछ खयाल है, किससे बातें कर रहे हो! सूरदास-पंडाजी, सब खियाल है, आँखें नहीं हैं, तो ...

Chapter

×